HOW TO DO VASHIKARAN-KAISE HOTA HAI CAN BE FUN FOR ANYONE

how to do vashikaran-kaise hota hai Can Be Fun For Anyone

how to do vashikaran-kaise hota hai Can Be Fun For Anyone

Blog Article



In astrology, vashikaran is getting used since ages as a way to turn bad gatherings into great. It can help anyone to beat numerous private and occupational complications in everyday life.

इसलिए साधना से पहले गुरु का मार्गदर्शन और सुरक्षा कवच दोनों के लिए तैयार रहे और साधना में सावधानी बरते.

यक्षिणी साधना में मंत्र जप, आपके नियम और कुछ गोपनीय तथ्य जिनका अनुसरण किया जाये तो सफलता अवश्य हासिल होती है.

By clicking “Settle for All Cookies”, you conform to the storing of cookies on your machine to enhance web-site navigation, examine website utilization, and assist inside our advertising attempts.

Yantras: Mystical diagrams utilized along with mantras to aim and enrich the strength of rituals.

’ लगभग एक महीने बाद वे आश्रम आए और शालिग्राम मुझे सौंप कर बोले, ‘इसे आप रखिए।’ मैंने कहा, ‘आपने यह अच्छा काम किया।’वह शालिग्राम मेरे लिए काफी चमत्कारी रहा है, खासकर ध्यानलिंग प्रक्रिया के बाद जब मेरा शरीर पूरी तरह टूट चुका था और वह रहने लायक भी नहीं बचा था, तब मैनें बड़े पैमाने पर कई बार शरीर को ठीक करने के लिए उस शालिग्राम का इस्तेमाल किया। वह शालिग्राम स्पंदित होता रहा और उसने मुझे जीवित और सक्रिय रखा।

On the other hand, it is alleged that it should be completed with the optimistic intention as the universe will give the results According to the destructive and beneficial vibrations, which can return. Having said that, to obtain maximum Added benefits from it, 1 must generally prefer to use it positively.

एकाग्रचित से यक्षिणी का ध्यान करना : वैसे तो यक्षिणी की कोई मूरत नहीं लेकिन कल्पनाओ द्वारा इन्हें रूप दिया गया है.

परंतु जान ज्ञान और उत्सुकता के चलते इस तरह की जानकारी उपलब्ध करवाते रहते है और रहेंगे.

अगर आप एक साधक है और पहले से ही ध्यान का नियमित अभ्यास करते आ रहे है तो इस बात के चांस बढ़ जाते है की आपको साधना में जल्दी अनुभव मिले.

चिंचीपिशाची यक्षिणी : स्वपन में कालज्ञान देने website वाली यक्षिणी.

प्रातः कल स्नान करके मृग चर्म पर बैठ जाये और किसी का स्पर्श न करे.

देखिए, यह जरूरी नहीं है कि कोई किसी फल को जहरीला बनाकर आपको दे। उस फल में कोई कुदरती जहर भी हो सकता है जो खाने पर आपके शरीर में प्रवेश कर सकता है। इसीलिए, जीवन के नकारात्मक पहलू बहुत तरीकों से आपके अंदर प्रवेश कर सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि कोई कहीं बैठकर आपके खिलाफ साजिश कर रहा हो। इसलिए ध्यानलिंग का प्रवेशद्वार, पहला पंद्रह डिग्री कोण इसी मकसद के लिए बनाया गया है। इससे पहले कि लोग किसी और चीज की कामना करें, वे खुद-ब-खुद इस तरह के असर से मुक्त हो जाते हैं। उन्हें बस उस स्थान में लगभग साठ-सत्तर फीट चलना होता है, ये नकारात्मक चीजें अपने आप बेअसर हो जाती हैं।

एकांत में मंत्र जप करे जब तक यक्षिणी प्रकट न हो जाए.

Report this page